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लखनऊ उत्तर प्रदेश. SI मोनिका जाट की जमानत सुनवाई छह महीने की गर्भवती होनै के बावजूद हाईकोर्ट से नही मिली राहत. जेल मे ही हुआ बच्ची का जन्म।

*SI मोनिका जाट की जमानत सुनवाई: छह महीने की गर्भवती होने के बावजूद हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत; जेल में ही हुआ बच्ची का जन्म*

 

*रिपोर्ट राजेश कुमार यादव*

*लखनऊ उत्तर प्रदेश*

 

 

पूरी घटना का क्रम और कानूनी पैरवी

1. भर्ती घोटाले का खुलासा

 

मोनिका जाट, राजस्थान पुलिस SI भर्ती परीक्षा 2021 के सर्वश्रेष्ठ रैंक 34 पर चयनित थीं। जांच में यह पुष्टि हुई कि उन्होंने नकल गिरोह को ₹15 लाख देकर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से पेपर चला करवाया था।

 

 

लिखित परीक्षा में उन्हें हिंदी में 184/200 और सामान्य ज्ञान में 161/200 अंक मिले; इंटरव्यू में मात्र 15 अंक प्राप्त हुए।

 

 

विभागीय कार्रवाई के बाद वह प्रशिक्षण से फरार हो गईं, लेकिन बाद में झुंझुनूं पुलिस लाइन से गिरफ्तार हुईं।

 

 

 

2. जेल में बच्ची का जन्म

 

गिरफ्तारी के बाद जेल में रखा जाने पर उसने हाईकोर्ट से जमानत के लिए गुहार लगाई, यह दावा करते हुए कि वह लगभग छह माह की गर्भवती है और विशेष चिकित्सा की जरूरत है।

 

 

फिर 4 अगस्त 2025 को जयपुर के जेल परिसर में स्थित महिला अस्पताल में उसने बच्ची को जन्म दिया। जेल प्रशासन ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य का ध्यान रखा।

 

 

 

3. बैल सुनवाई का हाल

 

हाईकोर्ट में मोनिका सहित कुल 35 आरोपियों की जमानत याचिका सुनी गई — मोनिका ने औपचारिक स्वास्थ्य कारण तथा गर्भावस्था का हवाला दिया।

 

 

राज्य की ओर से पेश पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने बताया कि जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है, इसलिए फिलहाल जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

 

 

अदालत ने अगली सुनवाई 2 जुलाई 2025 के लिए निर्धारित की।

 

 

 

 

 

 

सारांश तालिका

 

पहलू विवरण

 

नाम मोनिका जाट (फ़र्जी SI आरोप)

गिरफ्तारी पेपर लीक नकल घोटाले पर — ₹15 लाख में ब्लूटूथ से नकल

तकनीकी जांच हिंदी में 184, G.K. में 161 अंक; इंटरव्यू में 15 अंक

गर्भावस्था लगभग 6 माह; जमानत याचिका में स्वास्थ्य आधारित आग्रह

जन्म 4 अगस्त 2025, जेल के अस्पताल में नवजात बच्ची का जन्म

बैल सुनवाई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई; अगली तारीख 2 जुलाई निर्धारित

 

 

 

 

 

निष्कर्ष

 

यह मामला दो प्रमुख मुद्दों को एक साथ उजागर करता है: भर्ती प्रक्रिया में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार, और महिला कैदियों के स्वास्थ्य अधिकारों की संवेदनशीलता। मोनिका की जमानत याचिका में यह स्पष्ट संकेत था कि जेल प्रशासन ने चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई है, जिससे अदालत ने फिलहाल जमानत देने से इंकार कर दिया। अब अगली सुनवाई में मामले का निर्णायक निर्णय हो सकता है।

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