
(भोजपुरी स्टार, 3 अन्य पर ₹1.5 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज)
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
वाराणसी उत्तर प्रदेश
क्या हुआ:
वाराणसी की अदालत (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) के आदेश पर पवन सिंह तथा प्रेमशंकर राय, रीमा/सीमा राय, और अरविंद चौबे के खिलाफ वाराणसी कैंट थाने में FIR दर्ज की गई है ।
आरोप का सारांश:
होटल व्यवसायी विशाल सिंह ने आरोप लगाया है कि 2017 में प्रेमशंकर राय और उनकी पत्नी (सीमा राय) ने खुद को फिल्म निर्माता बताते हुए उनसे निवेश करवाया। उन्हें भोजपुरी स्टार पवन सिंह से भी मिलाया गया।
शुरुआत में करीब ₹32.60 लाख किस्तों में जमा करवाए गए।
बाद में ‘बॉस’ नाम की फिल्म के निर्माण के लिए लगभग ₹1.25 करोड़ और दिए गए।
उन्हें फिल्म का निर्माता दिखाया गया और 50% मुनाफा देने का वादा किया गया था ।
फिल्म पूरी होने और reportedly करोड़ों की कमाई होने के बाद भी निवेशक को मुनाफा या धनवापसी नहीं दी गई। जब उन्होंने मांग की, तो धमकियाँ दी गईं, जिसमें जान से मारने का डर भी शामिल था ।
कानूनी कार्रवाई और धाराएँ:
पुलिस ने FIR में धोखाधड़ी, विश्वासपात्रता का उल्लंघन, जालसाजी (forgery) और धमकी जैसे आरोपों के तहत आईपीसी की धाराएँ 420, 406, 467, 468 और 506 के तहत केस दर्ज किया है ।
जांच में फिल्म संबंधी वित्तीय रिकॉर्ड्स, बैंक ट्रांजेक्शन्स और समझौते शामिल किए जा रहे हैं, साथ ही आरोपी पक्ष के बयान दर्ज किए जाने हैं ।
अदालत का आदेश व प्रक्रिया:
शिकायतकर्ता की विवेचना के असंतोषजनक अनुभव के बाद अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को केस दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया ।
सारांश तालिका
विषय जानकारी
अदालत का आदेश Varanasi मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट‑II द्वारा 2 सितंबर 2025 को FIR दर्ज करने का निर्देश
स्थान वाराणसी कैंट थाना
आरोपित पवन सिंह, प्रेमशंकर राय, सीमा/रीमा राय, अरविंद चौबे
शिकायतकर्ता होटल व टूर एवं ट्रैवल व्यवसायी, विशाल सिंह
राशि कुल ₹1.57 करोड़ (₹32.60 लाख + ₹1.25 करोड़)
वादा 50 % मुनाफा + निर्माता का श्रेय
धमकी जान से मारने की धमकी
IPC धाराएँ 420, 406, 467, 468, 506
जांच की दिशा वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन्स, आरोपी बयान, समझौते
इस घटना ने न सिर्फ एक दर्जन करोड़ के निवेश को विवाद में बदल दिया है, बल्कि पवन सिंह की लोकप्रिय छवि पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। वाराणसी की यह कानूनी लड़ाई अब आगे की सुनवाई और जांच की दिशा में विकसित होगी।