
पूर्व सार्जेंट को चार माह में दिव्यांगता पेंशन देने का आदेश
वायु सैनिकों को पेंशन संबधी मामलों में निराश करने से बचा जाए :विजय कुमार पाण्डेय
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
*लखनऊ।* सशस्त्र – बल अधिकरण (सेना कोर्ट ), लखनऊ के न्यायमूर्ति अनिल कुमार (न्यायिक सदस्य) एवं लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (प्रशासनिक सदस्य) ने अयोध्या निवासी पूर्व सार्जेंट आर पी सिंह को विकलांगता पेंशन के मामले में बड़ी राहत प्रदान की। याची के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय रहे ।
याची वर्ष उन्नीस सौ सत्तानंबे में भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर छब्बीस वर्ष की सेवा के बाद वर्ष दो हजार तेईस को मेडिकल आधार पर सेवा मुक्त कर दिया गया ।
सेवा मुक्ति से पूर्व मेडिकल बोर्ड उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, सुनने की समस्या, नाक-गले की बीमारी से ग्रसित होना बताते हुए मेडिकल पेंशन इस आधार पर देने से मना कर दिया कि, इन बीमारियों का संबंध वायुसेना से नहीं है जबकि, उसकी विकलांगता अट्ठावन प्रतिशत के ऊपर थी जिसके खिलाफ की गई अपील को भी रक्षा मंत्रालय द्वारा खारिज कर दिया गया ।
पीड़ित सार्जेंट ने सेना कोर्ट में वाद योजित करके वायु सेना के आदेश को चुनौती दी जिसका पक्ष अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने रखते हुए अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णयों धर्मवीर सिंह बनाम भारत संघ एवं यूनियन ऑफ इंडिया बनाम राम अवतार का हवाला देते हुए कहा कि भर्ती के समय सैनिक को पूर्ण स्वस्थ माना जाता है और सेवा काल में उत्पन्न रोगों को सेवा से उत्पन्न अथवा सेवा द्वारा बढ़ा हुआ ही माना जाएगा।
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि मेडिकल बोर्ड ने अपने निष्कर्ष बिना पर्याप्त कारण बताए दिए, जो विधि के अनुरूप नहीं हैं।
ट्रिब्यूनल ने आदेश पारित किया कि कुल अपंगता पचास प्रतिशत से अधिक है इसलिए वह पचहत्तर प्रतिशत विकलांगता पेंशन पाने का हकदार है इसलिए उसे डिस्चार्ज की तिथि से अभीवन यह लाभ चार महीने के अंदर दिया जाए आगे यह भी कहा कि, आदेश का पालन न किए जाने पर याची आठ प्रतिशत ब्याज का हकदार होगा।