
दहेज हत्या प्रयास मामले में पाँच अभियुक्तों को 10-10 वर्ष की सजा
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
गोरखपुर। थाना खोराबार क्षेत्र में वर्ष 2014 में घटित दहेज उत्पीड़न व हत्या प्रयास के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय गोरखपुर ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने पाँच अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए 10-10 वर्ष के कारावास और 7-7 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
मामला वर्ष 2014 का है, जब नटुआ बारी टोला निवासी एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने बहू को प्रताड़ित कर उसकी हत्या का प्रयास किया। इस संबंध में मु0अ0सं0-24/2014 धारा 498(ए), 304(बी), 201 भादवि तथा 3/4 डी0पी0 एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद अभियुक्त दीनानाथ, प्रदीप, सन्नी उर्फ अश्वनी, उनकी मां सेवाती और पिंकी को अपराध का दोषी करार दिया।
यह सफलता पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन, थाने के पैरोकार एवं मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी का परिणाम है।
इस प्रकरण की दोषसिद्धि सुनिश्चित कराने में डीजीसी (क्रिमिनल) प्रियनंद सिंह एवं एडीजीसी जयनाथ यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।