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समग्र शिक्षा के विशेष शिक्षकों ने राजस्थान सरकार के मंत्रियों व विधायकों से मांगा न्याय◼️

समग्र शिक्षा के विशेष शिक्षकों ने राजस्थान सरकार के मंत्रियों व विधायकों से मांगा न्याय◼️सिरोही✍️-सिरोही से जालम सिंह की रिपोर्ट✍️
सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगे विशेष 176 शिक्षकों का भविष्य सरकारों ने गर्त में धकेल दिया है । विशेष शिक्षकों को 19 वर्षों की सेवाओं के बाद भी कोई हाथ नहीं आया । दिव्यांग विद्यार्थियों की 19 वर्षों से सेवा के बाद भी न्याय नहीं मिलने पर हताशा का जीवन जीने को मजबूर है। प्रदेश के 176 आरपी सीडब्ल्यूएसएन ( विशेष शिक्षक) को उचित न्याय नहीं मिलने से घोर निराशा व रोष है ।वरिष्ठ कर्मचारी नेता गोपाल सिंह राव ने बताया कि वर्षों से लगातार संघर्ष करने के बावजूद जन प्रतिनिधियों व सरकारों से निराशा ही हाथ लगी है। सर्व शिक्षा अभियान विशेष शिक्षक संघ भामसं के प्रदेश अध्यक्ष जुगलकिशोर अवस्थी द्वारा राजस्थान सरकार के उद्योग वाणिज्य विभाग के मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ , पंचायत राज मंत्री ओटाराम देवासी , उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा,उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री सुश्री दीया कुमारी ,कृषि मंत्री डाॅक्टर किरोड़ी लाल मीणा ,सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ,विधायक जितेन्द्र कुमार गोठवाल खंडार,विधायक बालमुकुंद आचार्य हाथोज धाम, श्रीमती कल्पना देवी लाडपुरा कोटा, गोपाल लाल शर्मा मांण्डलगढ भीलवाड़ा आदि राजस्थान सरकार के मंत्रियों व विधायकों को पत्र लिखकर समग्र शिक्षा में 2005/6 से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा नीव रखने वाले विशेष शिक्षकों की समस्या समाधान कर राहत देने की मांग की है।वरिष्ठ कर्मचारी नेता राव व अवस्थी ने बताया कि 176 विशेष शिक्षकों को 19 वर्ष पूर्व विभाग ने प्लेशमेन्ट एजेन्सी के माध्यम से लगाया था ।हर वर्ष मानदेय वृद्धि 10% का आदेश होतें हुए भी आज तक कोई मानदेय वृद्धि नहीं की है ।इसी तरह से 2013 में राज्य सरकार द्वारा 25% मानदेय वृद्धि के आदेश जारी किया गये थे तथा 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 20% 2023 में 15% मानदेय वृद्धि की घोषणा की थी। जिसका लाभ आज तक इन दिव्यांग विद्यार्थियों के गुरुजनों को नहीं मिला । पीड़ा की बात है कि एक ही विभाग में एक ही प्लेशमेन्ट एजेन्सी से लगे हुए अन्य कर्मचारियों को हर वर्ष का लाभ दिया जा रहा है ।इससे स्कूल शिक्षा परिषद के अधिकारियों की मनमानी भी जाहिर होती है।जबकि सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में हर वर्ष मानदेय वृद्धि देना बताया है । जिसकी बार बार शिकायतों के बाद सरकार भी कोई ध्यान नही देकर अन्याय कर रही है । दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़ने वाले इन आरपी सीडब्ल्युएसएन शिक्षकों को ब्लॉक स्तर पर कार्य करते हुये 19 वर्ष हो गये है।लेकिन 19 वर्ष की सेवाओं के बाद भी मानदेय मात्र 11 हजार रुपये ही दिया जा रहा है। जबकि एक ही विभाग समान योग्यता ,समान पदों पर राज्य सन्दर्भ कक्ष पर लगाया गए आरपी सीडब्ल्युएसएन को 30 हजार मानदेय दिया जा रहा है ।इसी तरह से समाज कल्याण के आवासीय विद्यालय में लगे विशेष शिक्षकों को 34500 रुपये दिया जा रहा है ।ये सब विशेष शिक्षकों की मान्यता एक ही जगह से आरसीआई से पंजीकृत है। फिर भी मानदेय में भेदभाव की शिकायत सुनने व समाधान करने वाला कोई नहीं है।इस भयंकर अनियमितता की शिकायत पूर्व सरकार के मंत्रियों ,विधायकों , मुख्यमंत्री ,शिक्षा मंत्री ,शिक्षा सचिव को लिखित में अनेकानेक बार की।जन प्रतिनिधियों ,आला दर्जे के नौकरशाहों को रुबरु मिलकर बाताया गया पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ।कर्मचारी नेता राव ने राज्य सरकार से इन विशेष शिक्षकों को न्याय देने की गुहार की । प्लेशमेन्ट एजेन्सी से मुक्त कर सीधे रिक्त पदों पर समायोजन करने का विकल्प सुझाया।समाज कल्याण के विशेष शिक्षकों के बराबर 34500 देने की मांग की गई।राव के अनुसार 176 लोग ऊम्रदराज हो गयें है अब ओर कोई रास्ता इनके लिये नहीं बचा है।इनके परिवारों की स्थिति दहनीय होने से सामाजिक रीति रिवाज निभाने मुश्किल हो गये है ।पीड़ा की बात है कि एक आरसीआई से पंजीकृत डीग्री धारी विशेष शिक्षकों को एक ही विभाग में सहायक कर्मचारियों से कम मानदेय देकर विशेष शिक्षकों की योग्यता का अपमान किया जा रहा है। जिसको लेकर कर्मचारी ,मानदेय कर्मी सभी संगठनों में रोष व्याप्त है। सरकार से अनुरोध है कि लोकसभा चुनाव से पहले न्याय कर 176 परिवारों को सुरक्षित जीवन प्रदान करें ।नियुक्ति के समय इनकी संख्या 204 थी जो अब 19 वर्ष बाद 176 रह गई है।लगातार संघर्ष के बाद न्याय नहीं मिला है।ज्ञापन , रुबरु मिलने की पराकाष्ठा के बाद इच्छा मृत्यु तक की मांग का सरकारों पर असर नहीं हुआ ।संवेदनहीनता की पराकाष्ठा होने से इनका धैर्य जवाब देने लगा है ।अबकी बार सुनवाई नहीं होने पर मजबूरन इन विशेष शिक्षकों ने जयपुर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है ।राव ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा , शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से त्वरित संज्ञान लेकर राहत देने की मांग की ।

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