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*चिकित्सक और स्टाफ की अनुपस्थिति से पशु चिकित्सालय पर लटका रहता है ताला

*क्षेत्र के लोग बीमार पशु को इलाज हेतु लाते हैं मगर अस्पताल के न खुलने से मायूस होकर वापस लौट जाते।

रिपोर्ट:मनोज कुमार शर्मा

जिला :मैनपुरी

स्थान : औंछा

 

*चिकित्सक और कर्मचारियों की अनुपस्थिति में जानवरों की सूची पर फाँसी रहती हैलॉक।*

 

*क्षेत्र के लोग बीमार जानवरों का इलाज करना चाहते हैं मगर अस्पताल के न इलाज से मोह लेकर वापस लौट जाते हैं। *

 

क्षेत्र के लोग यहां प्रतिदिन बीमार पशुओं का इलाज कराते हैं मगर अस्पताल के न पशुओं से मोह वापस लौटते हैं।

औंछा में पशु सामान, सामान और संबंधित कर्मचारियों की अनुपस्थिति में असामाजिक सामान का सलाहकार बन गया है। पशु चिकित्सालय के मुख्य द्वार पर हर समय लटकता लॉक अस्पताल की स्थिति काफी अच्छी है। अनाधिकृत पशुधन होने की खोज में पूर्व सूचना के अनुसार पालतू जानवर के दरवाजे तक गियान मोहे लौट जाते हैं। सरकारी पशु अस्पताल के हमेशा के लिए बंदावास से काम चलाओ झोलाछाप पशुधन के पास इलाज के साधन हैं जिनकी चांदी हो गई है। किसानों को अपने साये के उपचार या कृत्रिम गर्भाधान से संबंधित समस्याओं के लिए यहां जाना पड़ता है। ग्रामीण हरवीर सिंह ने बताया कि दंत चिकित्सक सप्ताह में एक या दो दिन ही आते हैं। रहते हैं।ग्रामीण रामअवतार सिंह,रोहितद्रवि,शिववीर सिंह,देवेंद्र मोहित यादव सिंह,शिवरतन सिंह आदि ने वर्गीकरण एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से औंछा के पशु चिकित्सालय को नियमित रूप से जाने की मांग की है।

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