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अस्पताल में पुराना रिकार्ड दर्ज नही होने से 90 प्रतिशत दिव्यांग बालक के नही बन रहे थे मूल दस्तावेज

अस्पताल में पुराना रिकार्ड दर्ज नही होने से 90 प्रतिशत दिव्यांग बालक के नही बन रहे थे मूल दस्तावेज

देवास। अस्पताल में पुराना रिकार्ड नही होने के कारण 90 प्रतिशत दिव्यांग बालक के माता-पिता उसके मूल दस्तावेज नही बनवा पा रहे थे। दर-दर की ठोकरे खाने के पश्चात दिव्यांग बालक के माता-पिता मानव अधिकार ब्यूरो कार्यालय पहुंचे। जहां दिव्यांग बालक की समस्या सुन दस्तावेज बनवाने में आ रही त्रुटि को हल कराया। संदीप उपाध्याय ने बताया कि कवि कालिदास मार्ग देवास निवासी चेतना पति मुकेश शर्मा के पुत्र प्रतिरूद्ध शर्मा का जन्म 15 जून 1994 में महात्मा गांधी जिला अस्पताल में हुआ था। इनका बालक जन्म से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग है। जन्म के समय बनाए गए पत्र में चेतना शर्मा के स्थान पर चंदा शर्मा गलती से दर्ज हो गया, जो कि एक मानवीय त्रुटि है। इस त्रुटि के कारण प्रतिरूद्ध शर्मा जो कि पूर्ण रूप से विकलांग है उसका आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज आज दिनांक तक नही बन पाए थे। मानव अधिकार ब्यूरो उज्जैन संभाग अध्यक्ष विशाल गुजेवार ने बताया कि इस संबंध में जब संगठन के प्रतिनिधि मण्डल ने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि इस बालक के दस्तावेज बनवाने के लिए जिला अस्पताल से लिखित में अधिकारियों से लिखवाकर लाना होगा। संगठन का प्रतिनिधि मण्डल डीएचओ-1 डॉ. राजेन्द्र गुजराती से मिला और उपरोक्त समस्या से अवगत कराया। दस्तावेज संबंधि त्रुटि सुनने के पश्चात डीएचओ-1 डॉ. गुजराती ने दिव्यांग बालक का नवीन दस्तावेज उपलब्ध कराया। जिससे बालक प्रतिरूद्ध शर्मा का विकलांगता प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बन सके। अस्पताल में पुराने रिकार्ड नही होने के कारण कितने ही आमजन परेशान होकर इधर-उधर भटक रहे है।

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