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जिला प्रमुख
राहुल मिश्रा की रिपोर्ट लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी। आभा आईडी बनाने के मामले में अपने जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है। स्वास्थ्य विभाग ने 30 दिन में 10 लाख से अधिक लोगों की आभा आईडी बनाई है। जिले में अब तक 13 लाख 44 हजार 659 आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं। आभा आईडी बनाने में धौरहरा सीएचसी आगे है, जबकि गोला पीछे है। विभागीय अफसरों के मुताबिक आभा आईडी 14 नंबरों की होती है।
आभा आईडी को हेल्थ आईडी कार्ड कह सकते हैं। यह डिजिटल कार्ड होता है। जिसमें संबंधित व्यक्ति का मेडिकल रिकॉर्ड रहता है। कब बीमार हुए, क्या इलाज चला, किस डॉक्टर को दिखाया, बीमारी से संबंधित कौन-कौन से टेस्ट हुए, कौन-कौन सी दवाइयां लिखी गई… आदि रिकॉर्ड इसमें दर्ज होता है। आभा आईडी बनने से आपको पर्चे संभालकर रखने की जरूरत नहीं है। इस कार्ड की मदद से पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। अगर आप कभी बीमार होते हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉक्टर आपकी आभा आईडी से पुराने इलाज का पता कर उपचार शुरू कर देंगे।
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सीएचसी वार आंकड़ा
सीएचसी-आभाईडी
बांकेगंज-83057
बेहजम-94820
बिजुआ-113189
धौरहरा-100594
गोला-73920
ईसानगर-75492
लखीमपुर अर्बन-26266
मितौली-71212
मोहम्मदी-78098
नकहा-78417
निघासन-87506
पलिया-99336
पसगवां-93208
फरधान-115319
फूलबेहड़-79684
रमियाबेहड़-74541
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आभा आईडी बनाए जाने के मामले में जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है। 30 दिन में 10 लाख से अधिक आभा आईडी बनाई जा चुकी है। जिले में अब तक 13 लाख से अधिक आभा आईडी बन चुकी है। यह सब कर्मचारियों की मेहनत का फल है।
डॉ. संतोष गुप्ता, सीएमओ