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फेरे… न कसमें, एक दूजे का हाथ थाम बन गए हमसफर; बौद्ध रीति रिवाज से हुआ 35 जोड़ों का विवाह

फेरे... न कसमें, एक दूजे का हाथ थाम बन गए हमसफर; बौद्ध रीति रिवाज से हुआ 35 जोड़ों का विवाह


उत्तर प्रदेश के आगरा में भीमनगरी आयोजन के दूसरे दिन मंगलवार को 35 जोड़े बौद्ध रीति रिवाज से एक दूजे का हाथ थाम हमसफर बने। देवरी रोड स्थित भीम वाटिका से 35 दूल्हे घोड़े सवार होकर बैंड बाजे संग नंदपुरा स्थित लंदन स्कूल ऑफ़ इकनोमिक एंड पॉलिटिक्स साइंस की तर्ज पर सजे भीमनगरी के मंच पर पहुंचे।

जहां भीमनगरी केंद्रीय समिति की ओर से सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया।

भीमनगरी समारोह के सामूहिक विवाह में लोगों का उत्साह देखने को मिला। खचाखच भरे मैदान में जय भीम जय भीम के नारे लगते दिखे। मेले में चाट पकौड़ी, आसमानी झूले का बड़े छोटे लुत्फ उठाते दिखे। तो वहीं फिरोजाबाद, एटा, मथुरा आगरा देहात, शहरी क्षेत्रों के 35 दूल्हे घोड़े पर सवार होकर अपनी जीवनसाथी का हाथ थामने के लिए मंच पर पहुंचे।

लाल जोड़ा पहने 35 दुल्हन मंच पर पहुंची। बुद्धम शरणम गच्छामि के स्वर लहरिया के साथ आयोजन शुरू किया गया। बौद्ध रीति रिवाज से सामूहिक विवाह कराने के लिए 10 बौद्ध भिक्षुक पहुंचे। भिक्षुक सिद्धार्थ बोधी, अशोक रतन व अन्य भिक्षुकों ने विवाह की रस्में पूरी कराई। फिर एक के बाद एक समाज के प्रतिष्ठ लोगों ने नवविवाहितों को दिल खोलकर दान दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईपीएस डॉ. डीपी अशोक, राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन, धर्म प्रकाश भारती ,विधायक डॉ.जीएस धर्मेश, रामबाबू हरित, श्याम जरारी, करतार सिंह भारती, धर्मेंद्र सोनी, एसबी दिनकर, राज नारायण, मुकेश कल्याण, डॉ. व्यास, संजय सिंह, विवाह समिति अध्यक्ष राजवीर सिंह, संयोजक रामकिशोर गौतम, शशि गौतम आदि उपस्थित रहे।

ये मिले उपहार

आगरा के एक व्यापारी राजेश ने सभी दूल्हों को उपहार के तौर में साइकिल भेंट की। वहीं, अन्य लोगों ने कुकर, चूल्हा, पंखा, मेज, कुर्सी ,डिनर सेट आदि उपहार के तौर में सभी जोड़ों को दिया।
नहीं मिल पाए अधिक जोड़े

इस बार विवाह समिति को भीमनगरी में सामूहिक विवाह कराने के दूल्हे और दुल्हन ढूंढने से भी नहीं मिले। पिछले साल पंचशील कॉलोनी में सजी भीमनगरी में 51 जोड़ों का बौद्ध रीति रिवाज से विवाह कराया गया था, लेकिन इस बार सिर्फ 35 जोड़े ही विवाह समिति को चार महीने की मेहनत के बाद मिल सके। जिस भीमनगरी में विवाह करने के लिए लोगों में ललक होती थी, उसी भीमनगरी में इस बार जोड़ों की संख्या कम दिखाई दी।
आज होगा मेधावियों, कार्यकर्ताओं का होगा सम्मान

भीमनगरी के आखिरी दिन बुधवार की शाम को भीमनगरी केंद्रीय समिति समाज के सभी मेधावियों, कार्यकर्ताओं व अधिकारी पद पर नियुक्त समाज के लोगों को सम्मानित करेगी। इसी के साथ अगले साल भीमनगरी कहां सजेगी उसका भी ऐलान किया जाएगा।

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