
धार्मिक मान्यता के अनुसार देवतालाब शिवनगरी को विश्वकर्मा भगवान ने मंदिर को एक रात में तैयार कर दिया। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने एवम बरदान मागने पर पूरा होता है। मंदिर के दक्षिण दिशा में एक शिवकुंड हैं जिससे जल लेकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करते हैं।