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अलीगढ़ में गूंजा इंसानियत का स्वर – सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पशु प्रेमियों की शोक यात्रा

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश । NCR क्षेत्र से कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में रखने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के विरोध में रविवार शाम अलीगढ़ के अटल चौक पर बड़ी संख्या में पशु प्रेमी एकत्र हुए। इस दौरान शोक यात्रा निकालकर लोगों ने इस फैसले को “अवैज्ञानिक और अमानवीय” बताया और सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शन में शामिल नागरिकों ने कहा कि जब देश में अपराधी अपराध करने के बाद भी खुले घूमते हैं, तब बेजुबान जानवरों को सताना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। यह आदेश न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि संवेदनहीन भी है।

शहर की सामाजिक कार्यकर्ता आशा सिसोदिया ने कहा – “देश में रोज़ बेजुबानों पर अत्याचार होते हैं, जिन पर कोई ध्यान नहीं देता। लेकिन जैसे ही कुत्ते के काटने की कोई घटना सामने आती है, समाज अचानक सभी पशुओं का दुश्मन बन जाता है।”

तपस दिविक्षा फाउंडेशन से जुड़े संजय भारद्वाज ने कहा – “पशुओं के प्रति इंसानों का क्रूर व्यवहार, इंसानियत के खत्म होने की ओर संकेत करता है। कुत्तों और अन्य जानवरों से आपत्ति केवल उन्हें होती है जो उन पर अत्याचार करते हैं, और जब ये बेजुबान अपना बचाव करते हैं तो उन्हें आक्रामक बताकर दोषी ठहरा दिया जाता है।”

पशु अधिकार कार्यकर्ता के.एम. भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा – “बेजुबानों पर दया और सेवा हमारी संस्कृति की आत्मा है। कुत्ते कोई समस्या नहीं, बल्कि समाज का हिस्सा हैं। हमें इन्हें हटाने के बजाय नसबंदी और टीकाकरण पर जोर देना चाहिए। यह आदेश जानवरों के साथ अन्याय और हमारी मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।”

प्रदर्शन में शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, महिलाएँ और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह मुद्दा केवल जानवरों का नहीं, बल्कि इंसानियत और वैज्ञानिक सोच का भी है।

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