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जिम्मेदारों की मनमानी का शिकार होकर रह गया रीठी का महिला एवं बाल विकास विभाग

219 आंगनबाड़ी केंद्रों में सिर्फ 19 ही चल रहे सही 200 की व्यवस्थाएं डांवाडोल, निर्देशों पर भारी है मनमानी,

कटनी, रीठी।। GANESH UPADHYAY VANDE BHARAT LIVE TV NEWS KATNI MP

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों व कार्यक्रमों को रीठी परियोजना में पलीता लगाया जा रहा है। विभाग के तहत विभिन्न कार्यक्रम जैसे गोदभराई, अन्नप्राशन, जन्म दिवस, किशोरी बालिका आदि का संचालन विधिवत नहीं हो रहा है। विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजनाओं का लाभ गांव की महिलाओं व किशोरियों को नहीं मिल पा रहा है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि रीठी का महिला एवं बाल विकास विभाग इन दिनों पदस्थ अधिकारियों की मनमानी का शिकार होकर रह गया है। जिसके चलते विभाग की व्यवस्थाएं डांवाडोल हो गई हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक रीठी ब्लॉक में संचालित 219 आंगनबाड़ी केंद्रों की सच्चाई यह है कि सिर्फ 19 केंद्र ही व्यवस्थित संचालित हो रहे हैं जबकि 200 केन्द्र राजनीति के सहारे मनमाने ढंग से चल रहे हैं। पर्यवेक्षक गीता कोरी को प्रभारी परियोजना अधिकारी का पूरा प्रभार सौंपा गया है। बताया जाता है कि रीठी ब्लॉक के 90 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्र कागजों में संचालित हो रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

*बेरंग लौटा हितग्राही, ग्यारह बजे तक नहीं आईं कोई पर्यवेक्षक*

रीठी के महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ पर्यवेक्षकों व प्रभारी परियोजना अधिकारी की मनमानी हद तो सोमवार को हो गई। जब एक हितग्राही किसी काम से सुबह दस बजे किसी काम से परियोजना कार्यालय रीठी आया और वह ग्यारह बजे तक पर्यवेक्षकों और प्रभारी परियोजना अधिकारी के आने का इंतजार करता रहा। तिघरा निवासी विजय पटेल ने बताया कि वह किसी काम से सोमवार को सुबह दस बजे परियोजना कार्यालय रीठी गये थे। लेकिन वहां भृत्य बस था। जानकारी लेने पर पता चला कि यहां पदस्थ सभी पर्यवेक्षक व प्रभारी परियोजना अधिकारी अप डाउन कर जब ग्यारह बजे बस से आएंगी तब काम हो पाएगा। जिसके कारण उन्हें बेरंग लौटना पड़ा।

*अप-डाउन पर नहीं रोक, नियम दरकिनार*

देखा गया कि रीठी परियोजना कार्यालय में पदस्थ सभी पर्यवेक्षक व प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रतिदिन अप-डाउन कर अप-डाउन प्रथा को बढ़ावा दे रही है। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि शासकीय कर्मचारी को कार्यक्षेत्र में मुख्यालय बनाकर रहना है। बावजूद इसके रीठी में नियमों को दरकिनार कर अप-डाउन किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो रीठी के महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात जिम्मेदार अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी की खास व कृपापात्र भी हैं । जिसके चलते लगातार शिकायतों के बाद भी न तो जांच कराई जा रही है और न ही कोई ठोस कार्रवाई हो पा रही है और जनकल्याणकारी योजनाओं को पलीता भी लग रहा है।

*समय से नहीं खुलते आंगनबाड़ी केंद्र*

भीषण गर्मी को देखते हुए शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहालों के लिए समय परिवर्तन किया था। जिसका रीठी ब्लॉक के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पालन नहीं किया जा रहा है। शासन ने सुबह आठ बजे से बारह बजे तक नौनिहालों को और कार्यकर्ता व सहायिका को तीन बजे तक केंद्रों में रहने के निर्देश दिए थे। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। रीठी ब्लॉक के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र दस बजे ही खुलते हैं। वहीं केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति भी न के बराबर है और फर्जी हाजिरी के दम पर मिड डे मिल में भी बंदरबांट किया जा रहा है।

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