
रिपोर्ट समीर गुप्ता पठानकोट पंजाब — आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर पंजाब में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच गठबंधन नही हो पाया है, सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के बीच गठबंधन नही होने के तीन मुख्य कारण रहे — पहला भाजपा इस बार पंजाब में कम से कम सात सीटें चाहती थी जबकि अकाली दल उनको अधिक से अधिक पांच सीटें देना चाहता था। दूसरा अकाली दल जेल में बंदी सिखों की रिहाई चाहता था और किसानी मुद्दों का हल चाहता था। गौरतलब है कि इसके पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच भी पंजाब में गठबंधन नही हुआ था। इसलिए अब राज्य में चारो राजनीतिक दल अलग-अलग चुनाव में उतरेंगे। आगामी लोकसभा चुनाव पंजाब में बहुत दिलचस्प होना वाला है, बहुत लंबे समय के बाद राज्य में चौतरफा मुकाबला देखने को मिलेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन नही होने का सीधा लाभ कांग्रेस को पंजाब में मिलने वाला है।