ताज़ा ख़बरें
Trending

कहानी - अनंत इच्छाओं का अंत “लालच” _डॉ कंचन जैन,

शिवानी जैन एडवोकेट की रिपोर्ट

कहानी – अनंत इच्छाओं का अंत “लालच” _डॉ कंचन जैन,

अलीगढ़ बहुत पुरानी बात है। एक जंगल में एक संत रहा करते थे। उनकी कुटिया के पास पेड़ के ऊपर एक छोटी सी चिड़िया भी रहा करती थी। वह संत दयालु भाव से उस चिड़िया के लिए पेड़ के नीचे दाना रख देते थे। वह चिड़िया दाना खाती और पेड़ पर अपने घोसले में रहती। एक दिन जब चिड़िया दाना खा रही थी तो एक गिद्ध चिड़िया की ओर झपटा। चिड़िया डर के मारे अपने दाने को वहीं छोड़कर अपने घोंसले में जाकर छुप गई। जब संत ने देखा की चिड़िया का दाना वहीं पड़ा है और चिड़िया दिखाई नहीं दे रही । तब संत ने चिड़िया को आवाज़ लगाई और चिड़िया डरती डरती बाहर आई। चिड़िया ने संत से प्रार्थना की कि उसे गिद्ध बना दें। संत ने अपने दिव्य शक्ति से उसे गिद्ध बना दिया। गिद्ध बनने के बाद चिड़िया ने चील की तरफ देखा और संत से प्रार्थना की के उसे चील बना दें। संत ने उसे चील बना दिया। एक दिन चिड़िया ने गरुण को देखा और संत से प्रार्थना की कि उसे गरुड़ बना दें। जैसे ही संत ने उसे गरुड़ बना दिया। गरूड़ के रूप में परिवर्तित होते ही चिड़िया ने संत के ऊपर ही आक्रमण कर दिया। जिससे संत घायल हो गए और उन्होंने तत्काल अपनी दिव्य शक्ति से गरूड़ को वापस चिड़िया बना दिया। शिक्षा- इच्छा करना प्रत्येक सजीव का स्वभाव है और इच्छाओं को लालच में परिवर्तित करना उसके अहंकार का परिणाम।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!