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महाकाल की भक्ति में डूबा जबलपुर शहर

महाशिवरात्रि का महत्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का संकेत होता है। रात्रि के चार प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि का यह महत्वपूर्ण त्योहार भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन भगवान शिव और शक्ति की पूजा करने से मनुष्य की सारी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और सभी संकट दूर होते हैं महाशिवरात्रि शिवभक्तों के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस पर्व पर भगवान शंकर की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है और भक्त व्रत और पूजन के साथ इसे धूमधाम से मनाते हैं शिव विवाह की झांकी भी निकल जाती हैं जबलपुर में

हिंदू पंचांग के अनुसार साल में दो बार महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। पहली महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है और दूसरी महाशिवरात्रि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है दोनों महाशिवरात्रि पर्व बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। फाल्गुन मास में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि के संदर्भ में कई मान्यताएं भी प्रचलित हैं। इस दिन विधिवत भगवान शिव की पूजा करने से सुखद विवाही जीवन की प्राप्ति होती है और सौभाग्य की कामना की जाती है आज जबलपुर शहर महाकाल की भक्ति में डूबा है इसलिऐ जबलपुर संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है हर त्यौहार को भक्ति के रंग में रंग देते हैं जबलपुर वाले। जगह-जगह विशाल भंडारे का आयोजन किया गया इसी तरह विजयनगर कचनार सिटी मैं भोले बाबा के दर्शन लाखों भक्तों ने किये शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त किया पूजा अर्चना की महाशिवरात्रि के दिन सभी भक्तों ने व्रत करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया भोलेनाथ बहुत ही दयालु है सभी भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं जय महाकाल

रिपोर्टर – मदन रैकवार वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ जबलपुर

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