पंचायत विभाग की ओर से संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों के ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने और मृत्यु के नकली प्रमाण पत्र के रिकार्ड संधारण की व्यवस्था पारदर्शी नहीं होने के चलते ही पंचायत सचिव बिना किसी डर के शासकीय रिकॉर्ड में गड़बड़ी कर बेख़ौफ़ मृत्यु के फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। सूचना आयुक्त ने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में व्यापक पैमाने पर नकली मृत्यु प्रमाण पत्र का रैकेट में ग्राम पंचायत की भूमिका आयोग के लिए चिंता का विषय है यह पूरी तरह से एक सुनियोजित आपराधिक कृत्य है जिस पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है।
मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के निर्देश
इस रैकेट पर अंकुश लगाने के लिए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने पंचायत विभाग के विकास आयुक्त मंत्रालय भोपाल को आदेश जारी किए हैं। सिंह ने पंचायत की रिकॉर्ड संधारण व्यवस्था को सूचना आयोग का अधिकार क्षेत्र बताते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र के रिकॉर्ड को वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के निर्देश जारी किए हैं। सिंह ने कहा कि इससे पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित होगी और साथ ही नकली प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी कर्मचारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। RTI आवेदिका को इन दोनों प्रकरणों में जानकारी के परेशान करने और जानबूझकर जानकारी रोकने पर क्षतिपूर्ति की राशि के आदेश भी जारी किए है। सिंह ने कहा कि नकली मृत्यु प्रमाण पत्र के रैकेट को देखते हुए इस प्रकरण में जानकारी रोकने से जनपद पंचायत सीईओ और ग्राम पंचायत के सचिवों की भूमिका सवालों के घेरे में है। भिंड और मुरैना के पंचायत सचिव और जनपद पंचायत सीईओ की लापरवाही की वजह से RTI में जानकारी नहीं मिलने पर कुल ₹10000 का हर्जाना दीपमाला मिश्रा को पंचायत विभाग को देने के निर्देश सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी किए है।