12 टन क्षमता वाली प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत बनी 40 टन क्षमता वाली प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कुछ महीने बाद ही 40 टन
क्षमता वाली प्रधानमंत्री सड़क योजना बनाई जाने लगी है।
जांच से पता चलता है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जो सड़कें बनाई गई हैं उनकी क्षमता 12 टन तक भार वाली है, लेकिन इन सड़कों पर तो 40-50 टन भार वाली सड़क भर की सड़कें हैं। बनने के कुछ महीने केबाद ही दुकानें लगती हैं।
संबंधित विभाग भी रसायन शास्त्र गणना किए गए डिज़ाइन रिपोर्ट को आधार पर पासपोर्ट के लिए भेजता है। नियम के अनुसार बनने वाली सड़क का सर्वेक्षण किया जाता है ताकि पता चल सके कि सड़क बनने के बाद इस पर दोस्ती का दबाव बना रहेगा।
टमाटर के दबाव पर ध्यान देते हुए सड़क बनानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
सड़क के निर्माण में मुरुम और मिट्टी की बारात 30 सेमी, गिट्टी की राजधानी साढ़े सात सेमी और मिट्टी की बारात 2 सेमी यानी एक इंच और इस मार्ग पर चलने वाली टूटी हुई दीवारों की क्षमता 12 टन तय की गई है
हरदी कला से होती हुई विशाल बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग में इस क्षेत्र में कई गिट्टी के खदानें हैं इसलिए यहां से दिन में 40-50 टन टन का भार लेकर बड़े पैमाने पर ट्रक और हाईवे चलते हैं।
लोक निर्माण विभाग का आधार बनता है: लोक निर्माण विभाग का आधार बनता है हालांकि लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित तटों की स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं है, लेकिन इन द्वीपों पर ली गई मटेरियल निकटवर्ती प्रधान मंत्री ग्रामों से बेहतर है। विभिन्न होते हैं। लोक निर्माण विभाग के सड़क निर्माण में गिट्टी की ग्रीष्म दो परतों में साढ़े सात सेमी प्रति परत और 5 सेमी डामरीकरण की बारात होती है जो भारी भरकम बैंड के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
वैज्ञानिक रसायन शास्त्र गणना के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट है और सड़क बनाई गई है
प्रधानमंत्री स्ट्रीट पर हर जगह 12 टन क्षमता से अधिक भार वाले बॅकरूम का प्रवेश द्वार हर जगह वाला बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन दीवाली कला मार्ग में कोई ऐसा बोर्ड नहीं है, जिससे 40,50 टन लकड़हारा हाईवा रात दिन चलता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 12 टन से अधिक भार लेकर चलने वाले समुदाय का प्रवेश प्रतिबंधित है और बोर्ड भी सड़कों पर लगा हुआ है। इसके अलावा भी सड़कों पर भारी वाहनों का प्रवेश होता है जो सड़कों के खराब होने का प्रमुख कारण हैं।
ग्रामीण लवलेश,सुनील,शैलेंद्र दुबे,गोलू,संदीप ने कहा कि प्रधानमंत्री रेडियो को सुविधा देने के नाम पर बनाया गया है, लेकिन उनके डुरुपयोग ने ओवरलोडेड एसोसिएशन को खत्म कर दिया है, जिससे नुकसान हो रहा है। ऐसे आती है और सड़क फिर से खराब हो जाती है।
ग्रामीण निवासियों को इन 40, 50 टन लेक्चरर वाली गाड़ियों से भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, कई आचलों ने हरदी कला ग्राम के प्रधान जनार्दन सिंह को भी सूचना दी है और प्रधानमंत्री सड़क से भारी भरकम सड़क से संबंधित सलाह पर रोंक लग सके प्रशासन से न्याय आशा है हरदी कला ग्राम पंचायत के ग्रामवासियों से।