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कानपुर उत्तर प्रदेश। पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के धरने के एलान से फिर गरमाई कानपुर देहात की राजनीति _राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी धरने पर शामिल हो सकती है।

“पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के धरने के एलान से फिर गरमाई कानपुर देहात की राजनीति — राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी धरने पर शामिल हो सकती हैं”

रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
कानपुर उत्तर प्रदेश

घटना का विस्तृत विवरण

1. धरने का ऐलान और मांगें

पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने 2 सितंबर 2025 से एसपी कार्यालय, कानपुर देहात पर धरने का ऐलान किया है। उन्होंने इस विषय में डीएम को लिखित अनुमति भी मांगी है।

उनका गुस्सा अकबरपुर इंस्पेक्टर सत‍ीश सिंह को हटाए न जाने पर फूटा— सरकारी आश्वासन के बावजूद कार्रवाई देर से होने की वजह से नाराजगी है।

2. राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला की प्रतिक्रिया

अनिल शुक्ला ने कहा कि “अगर धरना देना पड़ा, तो मैं अकेले नहीं — राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी हमारे साथ धरने पर बैठेंगी”।

राज्यमंत्री ने इस पर कहा, “ऊपर बातें चल रही हैं, उम्मीद है धरने की ज़रूरत न पड़े; लेकिन ज़रूरत पड़ी तो हम साथ बैठेंगे”।

3. पृष्ठभूमि: पहले भी रह चुका है धरना

24 जुलाई 2025 को सड़क निर्माण विवाद के दौरान कार्यकर्ताओं पर दर्ज मामले के विरोध में प्रतिभा शुक्ला अकबरपुर थाने पर धरने पर बैठ गई थीं, जिससे अधिकारी हड़बड़ाए—धरने की वजह से चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया और जांच शुरू की गई।

इस घटना में उनके पति, पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी भी धरने में शामिल हुए थे।

4. राजनीतिक तनाव और शक्ति संघर्ष

इस धरने और विवाद के बीच चैनफूल/सत्ता संघर्ष और पार्टी के आंतरिक गठजोड़ों की झलक भी देखने को मिलती है।

उदाहरण के लिए, पूर्व सांसद अनिल शुक्ल ने एक वीडियो में अपनी ही पार्टी के सांसद देवेंद्र सिंह ‘भोले’ पर कटाक्ष किए और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को फोन कर तीखा संदेश दिया।

वहीं, खबरों के अनुसार प्रतिभा शुक्ला ने बीजू सांसद को ₹1 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा था, जो खरेश्वर मंदिर मार्ग निर्माण विवाद से जुड़ा था—यह मामला भी पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष को उजागर करता है
सारांश तालिका

आयाम विवरण

धरना प्रारंभिक तिथि 2 सितंबर 2025—एसपी कार्यालय, कानपुर देहात
प्रमुख मांग इंस्पेक्टर सत‍ीश सिंह को हटाना
राज्यमंत्री की भूमिका धरने में संभावित समर्थन; “साथ बैठेंगे” की घोषणा
पहले का संदर्भ 24 जुलाई को पहले भी जनहित के लिए थाने में धरना
राजनीतिक परिदृश्य पार्टी में शक्ति संघर्ष, प्रदेश स्तर पर आंतरिक टकराव हो सकता है।
नीचे कानपुर देहात के मामले में पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के धरने की पृष्ठभूमि, प्रशासन की प्रतिक्रिया और राजनीतिक गतिशीलता पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है:

प्रशासनिक प्रतिक्रिया (डीएम/एसपी स्तर)

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला द्वारा 24 जुलाई 2025 को अकबरपुर थाने में धरने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई — लालपुर चौकी इंचार्ज अतेंद्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया और SHO सतीश सिंह पर विभागीय जांच भी शुरू हुई। एसपी अरविंद मिश्रा के आदेश पर कोर्ट ऑफ कॉन्फिडेंस किया गया था।

उस धरने के दौरान डीएम, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने лично पहुंचकर स्थिति नियंत्रण में रखी, और जांच सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया

अंदरूनी सियासी तनाव एवं पार्टी में खींचातानी

बीजेपी ने पूर्व सांसद वारसी को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया — यह पार्टी के विचारों के विपरीत बयानबाज़ी और आचरण को लेकर जारी किया गया था, जिसमें उन्हें 7 दिनों में जवाब देने का निर्देश दिया गया था।

उसके पहले, वारसी ने कई पूर्व जिलाध्यक्षों को कानूनी नोटिस भेजे थे, जिससे पार्टी के संगठनात्मक ढाँचे में और तनाव बढ़ा।

संभावित डीएम या प्रशासन की प्रतिक्रिया (नवंबर 2025 तक प्राप्त जानकारी के आधार पर)

ढूँढ़ने में अभी तक 2 सितंबर धरने के संबंध में डीएम या एसपी की किसी नई प्रतिक्रिया या प्रेस बयान उपलब्ध नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट होता है कि अभी तक इस धरने पर प्रशासन की ओर से कोई सार्वजनिक हस्तक्षेप या आश्वासन नहीं दिया गया है।

लेकिन पिछले धरने के अनुभव (जैसे 24 जुलाई का धरना) से यह उम्मीद की जा सकती है कि:

डीएम/एसपी संभवतः स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से बातचीत करेंगें — ताकि प्रशासनिक समाधान और राजनीतिक दबाव के बीच सामंजस्य बना रहे।

शिकायत की समझदारी से जांच या कार्रवाई की दिशा तय की जा सकती है, जैसा पिछली बार हुआ था (जांच और लाइन हाजिरी)।

राजनीतिक विश्लेषण और आगामी संभावनाएँ

वारसी का धरना इस चुनावी साल से पहले रणनीतिक रूप से सूझता हुआ कदम लगता है — पार्टी में स्थान बनाए रखने और दबाव बढ़ाने के लिए एक संकेत।

यदि राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला धरने में शामिल होती हैं, तो यह स्थानीय राजनीति में भाजपा नेतृत्व के भीतर दोरस्त ताकत और प्रतिद्वंद्विता का दृढ़ता पूर्वक प्रदर्शन होगा।

इसके अलावा, इससे दल और प्रशासन की छवि पर असर पड़ सकता है — खासकर तब जब पार्टी स्वयं अंदरूनी खींचातानी और अनुशासन संबंधी जाँच से जूझ रही हो।

सारांश तालिका

घटक विवरण

पिछले धरने पर प्रशासनिक कार्रवाई चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, SHO पर जांच, पुलिस अफसरों ने आश्वासन दिया
पार्टी में स्थिति पूर्व सांसद को कारण बताओ नोटिस, संगठन के विरोध के संकेत
डीएम-एसपी की वर्तमान प्रतिक्रिया अभी तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं मिली
आगे की संभावनाएँ प्रशासनिक समाधान की पहल, राजनीतिक दबाव व रणनीति बढ़ सकती है

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