रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
देवरिया उत्तर प्रदेश
प्रमुख शिकायत: अधिवक्ताओं का आरोप है कि सदर तहसील में तहसीलदार मनमाने ढंग से कार्य कर रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैया शामिल है। इसके विरोध में तहसील बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया, जब तक तहसीलदार का तबादला नहीं हो जाता।
मुख्य प्रभाव:
तहसील परिसर में कार्य पूरी तरह से बाधित हुआ है।
री‑टाइम खतौनी, आरसीसीएमएस सिस्टम के जरिये दस्तावेजों की स्कैनिंग के बाद भी आवासीय बैनामा दस्तावेज तहसीलदार के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो रहे, जिसके कारण किसानों को भारी परेशानी हो रही है।
13 जनवरी को डीएम को इस मामले में प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने इस पर विचार नहीं किया।
अधिवक्ताओं का क्रमिक विरोध:
21 अगस्त 2025 को फिर एक आंदोलन हुआ—जहाँ अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और न्यायिक कार्यों में सहयोग से इनकार किया। यह तब हुआ जब प्रस्तावों के बावजूद कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं दिखाई दिया था। इसमें तहसील में लंबित मुकदमों की सुनवाई रोकने जैसी शिकायतें शामिल थीं।
संक्षेप तालिका
बिंदु विवरण
आरोप तहसीलदार/एसडीएम का भ्रष्ट, मनमाना रवैया और दस्तावेज़ों का पोर्टल पर न आना
प्रतिक्रिया तहसील बार एसोसिएशन द्वारा न्यायिक कार्य बहिष्कृत
समस्या दस्तावेज अपलोड न होने से किसानों को परेशानी, न्यायिक कार्य बाधित
प्रक्रिया 13 जनवरी को डीएम को प्रस्ताव, पर कोई कार्रवाई नहीं
आगे का स्वरूप मामले पर लगातार प्रदर्शन, नाराज़गी, धार्मिक रूप में विरोध जारी है।
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