*कर्मयोग, अभ्युदय और विकसित भारत” पर संगोष्ठी आयोजित*
*विकसित भारत का मार्ग सेवा, समर्पण और सशक्त महिला शक्ति से होकर जाता है : डीजी वेंकटेश्वर लू*
लखीमपुर-खीरी, 22 जून। जिला ग्राम्य विकास संस्थान में रविवार को “कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत” विषय पर प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक, दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान (बख्शी का तालाब, लखनऊ) एल. वेंकटेश्वर लू ने दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण कर किया।
मुख्य अतिथि महानिदेशक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने कर्मयोग और सामाजिक समर्पण की भावना को केंद्र में रखते हुए प्रतिभागियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि “कुपोषण की जड़ें मां की सेहत और परिवार नियोजन की अनदेखी में छिपी हैं। उन्होंने 3-5 वर्षों के अंतराल पर बच्चों के जन्म और महिला स्वास्थ्य पर जोर देते हुए, ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को दान, श्रमदान व कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण से जोड़ने की अपील की। महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने ‘अग्निवीर’ योजना में महिलाओं की भागीदारी और राजनैतिक नेतृत्व में महिला समूहों की सक्रियता को बढ़ावा देने पर बल दिया।
उन्होंने सामाजिक न्याय, स्वैच्छिक श्रमदान, और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण को राष्ट्र निर्माण का मूलमंत्र बताते हुए उपस्थित प्रतिभागियों से ‘समाज के अंतिम व्यक्ति तक संवेदनशीलता पहुँचाने’ की अपील की।
एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि कर्मयोग सेवा और समर्पण से ही पूरा होता है। विकसित भारत का रास्ता गांव और महिलाओं की भागीदारी से होकर जाता है। हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि आज की बातें केवल संगोष्ठी तक न रहें, बल्कि गांव-गांव तक बदलाव की शुरुआत बनें।
कार्यक्रम की शुरुआत में जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. मनीष चंद्रा ने कार्यक्रम की आवश्यकता एवं प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक सार्थक पहल है और कार्यक्रम के अंत में सभी के प्रति आभार व्यापित किया।
इस अवसर पर एएसपी पवन गौतम, डीसी एनआरएलएम जितेन्द्र कुमार मिश्रा, जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. मनीष चंद्रा, जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी धनंजय सिंह, वरिष्ठ प्रशिक्षक श्याम किशोर, राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर जनार्दन बाबू मिश्रा समेत कार्यक्रम में जिलेभर से आईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एनआरएलएम की दीदियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और ‘कर्मयोग’ के मंत्र को आत्मसात किया।