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*पूरनपुर: तराई वन विभाग की ओर जारी किए गए 2024 सारस गणना के परिणाम तराई में राज्य पक्षी सारस की संख्या 99 से बढ़कर हुई 101*

वन विभाग ने जारी किए आंकड़ों के अनुसार लगातार सारसों कुनबे में बढ़ोत्तरी हुई

*पूरनपुर: तराई वन विभाग की ओर जारी किए गए 2024 सारस गणना के परिणाम तराई में राज्य पक्षी सारस की संख्या 99 से बढ़कर हुई 101*

 

*तराई में लगातार बढ़ रहा राज्य पक्षी सारस का कुनबा सारस ज्यादातर सीपेज और वेटलैंड के आस पास पाए जातें हैं।*

 

 

पूरनपुर। तराई के जिले में राज्य पक्षी सारस कि गणना का कार्य पूरा कर लिया गया।इस बार भी वन विभाग ने इनके संरक्षण को लेकर सजगता दिखाई है।सारस की गणना के बाद परिणाम सार्वजनिक किए गए हैं।इसके तहत जिले के विभिन्न जलीय इलाकों में कुल 101 सारस पाए गए हैं।जून को सुबह और सायं के समय की गई गणना में कुल 101 सारस पाए गए ।इसी घोषणा पीटीआर प्रभागीय निदेशक की ओर से की गई।

  1. तराई का जिला होने के कारण यहां राज्य पक्षी सारस के लिए वातावरण काफी अनुकूल है। तालाब,पोखर, नहरों के साथ अन्य क्षेत्रों के आसपास सारस का वास रहता है।सारस दिन में शिकार के लिए उड़ान भरकर दो सौ किमी तक पहुंच जाते हैं। लेकिन शाम को फिर उसी स्थान पर आकर अपना बसेरा करते हैं। जहां उनका वास्तविक वास स्थल रहता है। सारस नर-मादा जोड़े में रहते हैं।अपने निर्धारित वास स्थलों पर ही मादा पंछी अंडे देती है।इस बार शासन के निर्देश पर एक साथ पूरे प्रदेश में निर्धारित समय 20 जून से सारस की गणना करने का कार्य शुरू किया गया था। 20 जून को सुबह छह बजे से आठ बजे फिर शाम को चार बजे से छह तक रेंजवार आठ टीमों ने गणना की। इसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी प्रभाग की टीमें शामिल रही। 22 जून को गणना का मिलान किया गया। इसके बाद पीटीआर प्रभागीय निदेशक ने सारस गणना सार्वजनिक की। इस बार भी तराई के जिले में सारस का कुनबा बढ़ा है।इनका संख्या 99 से बढ़कर 101 दर्ज की गई है ।सामाजिक वानिकी वन्यजीव प्रभाग के अधिकारियों के अनुसार सुबह और शाम के समय यह पक्षी अपने पास स्थलों के आसपास ही रहते हैं। दिन चढ़ने के साथ जब गर्मी बढ़ने लगती है तो यह उड़कर इधर-उधर पहुंच जाते हैं। इसलिए गणना का समय सुबह और शाम तय किया जाता है।

 

राज्य पक्षी सारस ज्यादातर नमदलदली भूमि, तालाब, झील, धान के खेत,सीपेज, वेटलैंड,झीलों के किनारे पाए जाते हैं।वन विभाग इनके संरक्षण को लेकर लगातार प्रयासरत हैं।इसके बावजूद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।मानना है कि खेतों में बड़ी मात्रा में कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है।जिसकी वजह से अनाज और पानी विषैला हो रहा है।जो सारस की वृद्धि में बाधक साबित हो रहा है।वर्ष 2023 में ग्रीष्मकालीन गणना में उत्तर प्रदेश में 19522 और जिले में 99 सारस दिखाई दिए।इस साल इनकी संख्या बढ़कर 101 हो गई है।

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तराइन के जिले में लगातार बढ़ रहे सरस

 

*वर्ष व्यस्क सारस बच्चे कुल

2019 80 04 84

2020 88 00 88

2021 85 04 89

2022 89 03 92

2023 96 03 99

2024 101 00 101

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शासन के निर्देश पर पीटीआर और सामाजिक वानिकी प्रभाग में 20 जून को राज्य पक्षी सारस की गणना का कार्य कराया गया है।रेंजवार आठ टीमों ने गणना का कार्य पूरा किए हैं।इस बार भी सारस गणना में अच्छे परिणाम मिले हैं।जिले इनकी संख्या 99 से बढ़कर 101 पंहुच गई है।वन विभाग इनके संरक्षण को लेकर आगे भी प्रयासरत हैं।

मनीष सिंह, डीएफओ पीटीआर।

वन्दे भारत लाईव टीवी पीलीभीत से बलदेव सिंह संधू रिपोर्टिंग।

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