
सिद्धार्थ नगर। डीएम पवन अग्रवाल ने जिले में आग लगने की घटनाओं से हो रही जन व धन हानि को रोकने के लिए सख्त रूख अपनाया है। उन्होंने कहा कि गेंहू की फसल के अवशेषों व कूड़ा आदि जलाने पर तत्काल प्रभाव कार्रवाई होगी।
22 अप्रैल, 2024 तक फसल अवशेष व कूड़ा जलाने पर रोक लगाते हुए निर्देशित किया है कि इसका उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा-51 एवं अन्य सुसंगत अधिनियम व धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि विगत कुछ दिनों में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अग्निकांड की घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे जन-धन एवं पशु हानि भी हुई है। कहा कि संज्ञान में आया है कि गेंहू के फसल के अवशेषों एवं फसलों के किनारे स्थित कूडें को जलाए जाने के कारण इस प्रकार की घटनाएं हुईं हैं।
तेज हवा चलने के कारण यह आग व्यापक रूप से प्रसारित हो कर एक गंभीर आपदा की स्थिति उत्पन्न कर रही है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले कुछ दिनों तक गर्मी एवं तेज हवाएं चलेगी। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि आमजन के गेंहू की फसलों के अवशेषों व कूड़ा आदि को जलाए जाने पर व्यापक लोकहित के ध्यान में रखते रोक लगाया जाए।
राजस्वकर्मियों को निगरानी के निर्देश
जिले में आग की घटनाओं में फसल व मकानों की क्षति अन्नदाताओं की कमर तोड़ दे रही है। अग्निकांड की घटनाओं का मुख्य कारण किसानों के पराली जलाया जाने के कारण है। इस कारण कारण आए दिन अग्निकांड की घटनाएं घट रही हैं। प्रशासन के निर्देश के बावजूद किसान धड़ल्ले से पराली जलाए जा रहे हैं। उपजिलाधिकारी डुमरियागंज डॉ. संजीव दीक्षित ने बताया कि राजस्व कर्मियों एवं पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। जिसके खेत से आग उठेगी उसे भी घटना के लिए जिम्मेदार माना जाएगा तथा उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। उपजिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि आम जनमानस की अग्निकांड जैसी भयानक विपदा से बचाव के लिए आप लोग पराली व कूड़ा न जलाएं।