जौनपुर। सुईथाकलां
श्री सिंह ने तदर्थ शिक्षकों के वेतन रोकने सेवा से मुक्त करने के काले आदेश को सरकार का संवेदनहीन रवैया बताते हुए जमकर कोसा। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।प्रांतीय उपाध्यक्ष ने कहा कि देश और प्रदेश का सर्वांगीण विकास केवल नेताओं से नहीं हो सकता बल्कि इसमें शिक्षकों और अधिकारियों कर्मचारियों का अद्वितीय योगदान होता है।उन्होंने कहा कि विधायकों और सांसदों को कई बार पेंशन देकर और शिक्षकों व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन और विभिन्न लाभ से वंचित करके उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे सरकार का बहुरूपिया चरित्र बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और अधिकारी कर्मचारी सरकार का यह अन्याय और अत्याचार किसी भी कीमत पर अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो शिक्षकों और कर्मचारियों के हित की बात नहीं करेगा और उन्हें हक नहीं देगा ऐसी सरकार की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा की पुरानी पेंशन किसी के बाप की जागीर नहीं है बल्कि संवैधानिक अधिकार है । उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष चेतनारायण सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों और कर्मचारियों के हक दिलाने के लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे ज़रूर उठाए जाएंगे।प्रदेश कमेटी के शीर्ष पदाधिकारी,गांधी स्मारक विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू ,पूर्व प्रधानाचार्य डॉ रणजीत सिंह, प्रधानाचार्य डॉ. अजेय प्रताप सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य विनोद सिंह ,संतोष कुमार सिंह ,अजय कुमार सिंह, विनय त्रिपाठी ,संतोष कुमार, धर्मदेव शर्मा ,अरुण कुमार मौर्य, डॉ शोभ नाथ यादव,पुष्पेंद्र बहादुर सिंह,प्रेमनाथ सिंह चंदेल सहित समस्त स्टाफ,जिले के पदाधिकारियों समेत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने बधाई दी है।