
एक थाई एक्टर सिंगर रुआंगसाक लोयचुसाक, जो सालों पहले प्लेन क्रैश में बच गए थे। उन्होंने एयर इंडिया की अहमबाद लंदन फ्लाइट को लेकर एक अजीब समानता का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस हादसे में एकमात्र बचे व्यक्ति, विश्वाश कुमार रमेश, उसी सीट 11ए पर बैठे थे, जिस पर रुआंगसाक बैठे थे।

नई दिल्ली: अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान गुरुवार को क्रैश हो गया। ये बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन था, जिसमें 230 यात्रियों के साथ 12 क्रू मेंबर्स सवाल थे। फ्लाइट में मौजूद 242 यात्रियों में से 241 की प्लेन क्रैश में जान चली गई। हालांकि चमत्कारिक तरीके से विमान में मौजूद एक यात्री की जान बच गई। इस जिंदा बचे शख्स का नाम विश्वास कुमार रमेश है। फ्लाइट के उड़ान भरने के चंद सेकंड बाद हुए इस भयावह हादसे में एक यात्री का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
यात्री विश्वास कुमार रमेश बिजनेस क्लास में सफर कर रहे थे और इनकी सीट का नंबर 11A था। आपको जानकर हैरानी होगी कि सीट नंबर 11A पहली बार लकी साबित नहीं हुई। करीब 27 साल पहले एक थाई स्टार रुआंगसाक जेम्स लोयचुसाक भी इसी तरह से बड़े प्लेन क्रैश में सुरक्षित बच गए थे।
थाई एक्टर जेम्स ने खुद किया खुलासा
थाई एक्टर-सिंगर रुआंगसाक जेम्स लोयचुसाक, जो अब 47 वर्ष के हैं, 1998 के थाई एयरवेज विमान हादसे में बाल-बाल बच गए थे। इस भीषण हादसे में 101 लोगों की जान चली गई थी। एयर इंडिया की अहमदाबाद लंदन फ्लाइट क्रैश की खबर सुनकर जेम्स लोयचुसाक ने ये खुलासा किया। लोयचुसाक ने बताया कि बिल्कुल मेरी तरह एयर इंडिया फ्लाइट की अहमदाबाद लंदन फ्लाइट पर भी चमत्कार हुआ। 11A सीट पर बैठे यात्री की जान बच गई।
1998 के प्लेन हादसे में बाल-बाल बचे थे जेम्स लोयचुसाक
रुआंगसाक जेम्स लोयचुनाक ने बताया कि 1998 का वो प्लेन हादसा जिस समय हुआ तो उनकी उम्र 20 साल थी। वह सीट 11A पर थे, जो अहमदाबाद में हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति की सीट है। रुआंगसाक फ्लाइट टीजी261 में सवार थे। ये उतरते समय दलदल में जा गिरी। इस दुर्घटना में केवल 45 लोग ही बच पाए। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने एयर इंडिया दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति रमेश विश्वकुमार की सीट संख्या देखी तो उनके रोंगटे खड़े हो गए ।
11ए सीट का जिक्र कर कहा, रोंगेटे खड़े हो गए
लोयचुसाक ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ‘भारत में विमान दुर्घटना में जीवित बचा एकमात्र व्यक्ति मेरी ही सीट संख्या 11ए पर बैठा था। रोंगटे खड़े हो गए।’ रुआंगसाक ने बताया कि भले ही वो प्लेन क्रैश में बाल-बाल बच गए हों लेकिन उन्हें बहुत गहरा सदमा लगा। 10 साल तक उन्हें फ्लाइट में डर लगता था, वे लोगों से दूर भागते थे और बादलों को देखकर घबरा जाते थे।
थाईलैंड के एक्टर ने बताया कि मैं किसी से बात करने से बचता था और हमेशा खिड़की के बाहर देखता रहता था, किसी को भी खिड़की बंद करने से रोकता था ताकि मैं सुरक्षित महसूस कर सकूं।