
खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर पर्यावरण नुकसान के साथ खेतों की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है। राज्य सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों-स्ट्रॉ बेलर, हैप्पी सीडर, जीरो तील सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रीपर डाइपर, स्ट्रॉ रीपर, रोटरी मल्चर आदि पर अनुदान दिया जाता है। सारण समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सोमवार को फसल अवशेष हेतु जिला स्तरीय अंतरविभागिया कार्य समूह की बैठक हुई। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विभागीय प्रावधान के अनुसार जिला में किसी भी कंबाइन हार्वेस्टर संचालन हेतु प्राप्त आवेदन के आधार पर जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा पास निर्गत किया जाएगा। बगैर वैध पास के हार्वेस्टर का संचालन अवैध होगा।
खेतों में फसल अवशेष जलाने पर किसानों के प्रति दंडात्मक करवाई का प्रावधान हैं। शिक्षा विभाग, वन एवम पर्यावरण विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पशु एवम मत्स्य रसायन विभाग , सहकारिता विभाग, पंचायती राज विभाग , सूचना एवम जनसंपर्क विभाग के माध्यम से भी किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक करवाई करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में उपविकास आयुक्त , जिला कृषि पदाधिकारी एवम अन्य सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।